जिस देश में इतने व्यापक पैमाने पर लक्ष्मी पूजा की जाती हो , उस देश में और समाज में दरिद्रता बनी रहे, यही महान आश्चर्य का विषय है। या हमारी प्रार्थना में बल नहीं है या हम उस महाशक्ति को भूल गए हैं, जिस महाशक्ति कि हम साधना कर रहे हैं। अशक्त बनकर महाशक्ति की उपासना व्यक्ति करे यही महान विरोधाभास है।